दिल धड़कने की आवाज़ की ख़ामोशी के सिवा
कोई भी तो नहीं
बेसबब हम को भी तीसरे का गुमाँ कैसे बज़्म हुआ
कोई भी तो नहीं
तेरी ज़ुल्फ़ों ...
aalaap
तेरी ज़ुल्फ़ों की ख़ुशबू में भीगी हुई मेरी ये उँगलियाँ
ढूँढती हैं तुझे
छू रही हैं तुझे
आ न जाएँ कहीं आज पैरों तले
आ न जाएँ कहीं आज पैरों तले
अपनी परछाइयाँ, धीरे-धीरे चलो
धीरे-धीरे चलो
मुँह से कुछ मत कहो
धीरे-धीरे चलो, जो भी कहना है आँखों से आँखें कहें
सुर्ख़ फूलों को बोसों से मदहोश करती हुई
शाम की ये हवा तक रही है तुझे
तेरी पेशानी को चूमने के लिये
तक रही है तुझे
ओस की बूँद के
hmmmm
ओस की बूँद के बोझ से मेरी पलकें झुकीं, तेरी साँसें रुकीं
कोई भी तो नहीं. दिल धड़कने ...