Pyaar itnaa naa kar..

Pyar Itna Na Kar - Shreya Ghoshal Powered by SongsPK.co

Friday, 1 March 2013

लगता नहीं है जी मेरा


लगता नहीं है जी मेरा उजड़े दयार में
किसकी बनी है आलमे-ना-पायदार में

बुलबुल को बाग़बां से न सय्याद से गिला
क़िस्मत में क़ैद थी लिखी फ़स्ले-बहार में

कहदो इन हसरतों से कहीं और जा बसें
इतनी जगह कहां है दिले दाग़दार में

एक शाख़े-गुल पे बैठ के बुलबुल है शादमां
कांटे बिछा दिए हैं दिले-लालज़ार में

उम्रे-दराज़ मांग के लाए थे चार दिन
दो आरज़ू में कट गए दो इंतिज़ार में

दिन ज़िंदगी के ख़त्म हुए शाम हो गई
फैला के पांव सोएंगे कुंजे मज़ार में

कितना है बदनसीब ज़फ़र दफ़्न के लिए
दो गज़ ज़मीं भी मिल न सकी कूए-यार में
- बहादुर शाह जफ़र