Pyaar itnaa naa kar..

Pyar Itna Na Kar - Shreya Ghoshal Powered by SongsPK.co

Thursday, 10 April 2014

तेरी यादों के कैक्टस और तेरी दीप



प्रिय
ये ख़त लिख रही हूँ ,जाने तुम शायद लौट आओ और मुझे ना पाकर गुस्सा हो जाओ...गुस्सा तो तुम्हारी नाक पर बैठा रहता है...सुनो तुम्हारी यादों की अमानत मेरे बंद पडे कमरे की खिड़की पर महफूज़ रख छोड़ी है....
मेरे मन में तेरी यादों के कैक्टस अब भी यूँ ही बंद पडे हैं पर फिर भी हरे भरे हैं...जब दर्द कुछ ज़ाएदा होता है तो एक थोर्नबर्ड की तरह सींचती हूँ तेरी यादों को....तब फूल खिल जाते हैं ,और तेरी खोयी हुई सी यादें फिर सुर्ख गहरी हो जाती हैं....और मैं गुनगुनाती हूँ एक दर्द भरी ग़ज़ल जैसे की आखरी गीत हो वो मेरा....तुम सुनो तो हैरान ही रह जाओ...हँस ना पाओगे अब पहले की
तरहाँ....हाँ तुम्हारी दीपू अब एक थोर्नबर्ड ही हो गई है....जब से तुम ये कैक्टस मेरी निगरानी में रख ....कहीं दूर खो गए हो.....में ना मिलूं तो समझ लेना की जो आखरी फुल खिल रहा है ना वो मैं ही हूँ....और ये ही था तुम्हारी थोर्नबर्ड का तुम्हे आखरी अलविदा...जाते जाते याद आ रहें हैं वो गीत जो हम ने साथ साथ गुनगुनाये थे....जो भी हो आई वांट यू  टू नो देट यू  वर द स्टोरी ऑफ़ मोई लाइफ....[The story of my life Is very plain to read.It starts the day you came,And ends the day you leave]
तुम्हारी गोल्लु मोल्लू
दीपू