ख़ुद दिल में रह के आँख से पर्दा करे कोई
हाँ लुत्फ़ जब है पाके भी ढूँढा करे कोई
तुम ने तो हुक्म-ए-तर्क-ए-तमन्नासुना दिया,
किस दिल से आह तर्क-ए-तमन्ना करे कोई
दुनिया लरज़ गई दिल-ए-हिरमाँनसीब की,
इस तरह साज़-ए-ऐश न छेड़ा करे कोई
मुझ को ये आरज़ू वो उठायें नक़ाब ख़ुद,
उन को ये इन्तज़ार तक़ाज़ा करे कोई
रंगीनी-ए-नक़ाब में ग़ुम हो गई नज़र,
क्या बे-हिजाबियों का तक़ाज़ा करे कोई
या तो किसी को जुर्रत-ए-दीदारही न हो,
या फिर मेरी निगाह से देखा करे कोई
होती है इस में हुस्न की तौहीन ऐ 'मज़ाज़',
इतना न अहल-ए-इश्क़ को रुसवा करे कोई
नौजवान खातून से
हिजाबे फतना परवर अब उठा लेती तो अच्छा था।
खुद अपने हुस्न को परदा बना लेती तो अच्छा था
तेरी नीची नजर खुद तेरी अस्मत की मुहाफज है।
तू इस नश्तर की तेजी आजमा लेती तो अच्छा था
यह तेरा जर्द रुख, यह खुश्क लब, यह वहम, यह वहशत।
तू अपने सर से यह बादल हटा लेती तो अच्छा था
दिले मजरुह को मजरुहतर करने से क्या हासिल?
तू आँसू पोंछ कर अब मुस्कुरा लेती तो अच्छा था
तेर माथे का टीका मर्द की कस्मत का तारा है।
अगर तू साजे बेदारी उठा लेती तो अच्छा था
तेरे माथे पे यह आँचल बहुत ही खूब है लेकिन।
तू इस आँचल से एक परचम बना लेती तो अच्छा था।
***********************एतराफ़ अब मेरे पास तुम आई हो तो क्या आई हो ? मैंने माना कि तुम इक पैकरे-रानाई हो चमने-दहर में रूहे-चमन-आराई हो तलअते-मेह्र हो,फिरदौस की रानाई हो बिन्ते-महताब हो गर्दूं से उतर आई हो मुझसे मिलने में अब अंदेशए-रुसवाई है मैंने ख़ुद अपने किए की ये सज़ा पाई है
ख़ाक में आह मिलाई है जवानी मैंने शोला-ज़ारों में जलाई है जवानी मैंने शहरे-खूबां में गंवाई है जवानी मैंने ख्वाब-गाहों में जगाई है जवानी मैंने हुस्न ने जब भी इनायत की नज़र डाली है मेरे पैमाने-मुहब्बत ने सिपर डाली है
उन दिनों मुझपे क़यामत का जुनूं तारी था सर पे सरशरीओ-इशरत का जुनूं तारी था माहपारों से मुहब्बत का जुनूं तारी था शहरयारों से रक़ाबत का जुनूं तारी था बिस्तरे-मख्मलो-संजाब थी दुनिया मेरी एक रंगीनो-हसीं ख्वाब थी दुनिया मेरी
जन्नते-शौक़ थी बेगानए- आफ़ाते-सुमूम दर्द जब दर्द न हो, काविशे-दरमाँ मालूम ख़ाक थे दीदए-बेबाक में गर्दूं के नुजूम बज़्मे-परवीं थी निगाहों में कनीज़ों का हुजूम लैलिए-नाज़ बरअफ़्गंदा-नक़ाब आती थी अपनी आंखों में लिए दावते-ख्वाब आती थी
संग को गौहरे-नायाबो-गरां जाना था दश्ते-पुर-खार को फ़िर्दौसे-जिनां जाना था रेग को सिलसिलए-आबे-रवां जाना था आह ये राज़ अभी मैंने कहाँ जाना था मेरी हर फ़तह में है एक हज़ीमत पिनहाँ हर मसर्रत में है राज़े-ग़मो-इशरत पिनहाँ
क्या सुनोगी मेरी मजरुह जवानी की पुकार मेरी फर्यादे-जिगर-दोज़, मेरा नालए-ज़ार शिद्दते-करब में डूबी हुई मेरी गुफ़्तार मैं कि ख़ुद अपने मजाके-तरब-आगीं का शिकार वो गुदाज़े-दिले-मरहूम कहाँ से लाऊं अब मैं वो जज्बए- मौसूम कहाँ से लाऊं
मेरे साए से डरो तुम मेरी गुरबत से डरो अपनी जुरअत की क़सम अब मेरी जुरअत से डरो तुम लताफ़त हो अगर मेरी लताफ़त से डरो मेरे वादों से डरो मेरी मुहब्बत से डरो अब मैं अल्ताफो-इनायत का सज़ावार नहीं मैं वफ़ादार नहीं हाँ मैं वफ़ादार नहीं
अब मेरे पास तुम आई हो तो क्या आई हो ? नन्ही पुजारन
*********************** इक नन्ही मुन्नी सी पुजारन पतली बाहें पतली गर्दन भोर भये मन्दिर आई है आई नहीं है, माँ लाई है वक़्त से पहले जाग उठी है नींद अभी आंखों में भरी है ठोडी तक लट आई हुई है यूँ ही सी लहराई हुई है आंखों में तारों की चमक है मुखड़े पर चांदी की झलक है कैसी सुंदर है क्या कहिये नन्ही सी इक सीता कहिये धूप चढ़े तारा चमका है पत्थर पर इक फूल खिला है चाँद का टुकडा फूल की डाली कमसिन, सीधी, भोली भाली दिल में लेकिन ध्यान नहीं है पूजा का कुछ ज्ञान नहीं है कैसी भोली और सीधी है मन्दिर की छत देख रही है माँ बढ़कर चुटकी लेती है चुपके चुपके हंस देती है हँसना रोना उसका मज़हब उसको पूजा से क्या मतलब ख़ुद तो आई है मंदर में मन उसका है गुडिया घर में ************************
उसनेउसने जब कहा मुझसे गीत एक सुना दो ना
सर्द है फिजा दिल की, आग तुम लगा दो ना
क्या हसीं तेवर थे, क्या लतीफ लहजा था
आरजू थी हसरत थी हुक्म था तकाजा था
गुनगुना के मस्ती में साज़ ले लिया मैं ने
छेड़ ही दिया आख़िर नगमा-ऐ-वफ़ा मैंने
यास का धुवां उठा हर नवा-ऐ-खस्ता से
आह की सदा निकली बरबत-ऐ-शिकस्ता से
जब कहा मुझसे गीत एक सुना दो ना
कमाल-ए-इश्क़ है दीवाना हो गया हूँ मैं
कमाल-ए-इश्क़ है दीवाना हो गया हूँ मैं ।
ये किस के हाथ से दामन छुड़ा रहा हूँ मैं ।
तुम्हीं तो हो जिसे कहती है नाख़ुदा दुनिया,
बचा सको तो बचा लो कि डूबता हूँ मैं ।
ये मेरे इश्क़ की मजबूरियाँ म'अज़-अल्लाह,
तुम्हारा राज़ तुम्हीं से छुपा रहा हूँ मैं ।
इस इक हिजाब पे सौ बे-हिजाबियाँ सदक़े,
जहाँ से चाहता हूँ तुम्को देखता हूँ मैं ।
बताने वाले वहीं पर बताते हैं मंज़िल,
हज़ार बार जहाँ से गुज़र चुका हूँ मैं ।
कभी ये ज़ोमकि तू मुझ से छुप नहीं सकता,
कभी ये वहम कि ख़ुद भी छुपा हुआ हूँ मैं ।
मुझे सुने न कोई मस्त-ए-बादा-ए-इशरत,
'मज़ाज़' टूटे हुये दिल की इक सदा हूँ मैं ।
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सीने में उन के जलवे छुपाये हुये तो हैं
सीने में उन के जलवे छुपाये हुये तो हैं|
हम अपने दिल को तूर बनाये हुये तो हैं|
[तूर=पहाड]
तासीर-ए-जज़्ब-ए-शौक़ दिखाये हुये तो हैं,
हम तेरा हर हिजाब उठाये हुये तो हैं|
[तासीर=नतीज़ा; जज़्बा=अहसास; हिजाब=परदा]
हाँ वो क्या हुआ वो हौसला-ए-दीद अहल-ए-दिल,
देखो न वो नक़ाब उठाये हुये तो हैं|
[हौसला-ए-दीद=देखने की हिम्मत]
तेरे गुनाहाअर गुनाहगार ही सही,
तेरे करम की आस लगाये हुये तो हैं|
अल्लाह रे क़ामयाबी-ए-आवारगान-ए-इश्क़,
ख़ुद गुम हुये तो क्या उसे पाये हुये तो हैं|
ये तुझ को इख़्तियार है तासीर दे न दे,
दस्त-ए-दुआ हम आज उठाये हुये तो हैं|
[इख़्तियार=ओन्त्रोल; तासीर=नतीज़ा; दस्त-ए-दुआ=प्रार्थना में हाथ उठाना]
मिटते हुओं को देख के क्यों रो न दें 'मज़ाज़',
आख़िर किसी के हम भी मिटाये हुये तो हैं|
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ख्वाबे सहर
मेहर सदियों से चमकता ही रहा अफलाक पर,
रात ही तारी रही इंसान की अदराक पर।
अक्ल के मैदान में जुल्मत का डेरा ही रहा,
दिल में तारिकी दिमागों में अंधेरा ही रहा।
आसमानों से फरिश्ते भी उतरते ही रहे,
नेक बंदे भी खुदा का काम करते ही रहे।
इब्ने मरियम भी उठे मूसाए उमराँ भी उठे,
राम व गौतम भी उठे, फिरऔन व हामॉ भी उठे।
मस्जिदों में मौलवी खुतवे सुनाते ही रहे,
मन्दिरों में बरहमन श्लोक गाते ही रहे।
एक न एक दर पर जबींए शौक घिसटती ही रही,
आदमियत जुल्म की चक्की में पिसती ही रही।
रहबरी जारी रही, पैगम्बरी जारी रही,
दीन के परदे में, जंगे जरगरी जारी रही।
अहले बातिन इल्म के सीनों को गरमाते ही रहे,
जहल के तारीक साये हाथ फैलाते ही रहे।
जहने इंसानी ने अब, औहाम के जुल्मान में,
जिंदगी की सख्त तूफानी अंधेरी रात में।
कुछ नहीं तो कम से कम ख्वाबे सहर देखा तो है,
जिस तरफ देखा न था अब तक उधर देखा तो है।
झूकी झूकी सी नज़र, बेकरार हैं के नहीं
दबा दबा सा सही, दिल में प्यार हैं के नहीं
तू अपने दिल की जवान धड्कनों को गिन के बता
मेरी तरह तेरा दिल बेकरार हैं के नहीं
वो पल के जिस में मोहब्बत जवान होती हैं
उस एक पल का तुझे इन्तजार हैं के नहीं
तेरी उम्मीद पे ठुकरा रहा हूँ दूनिया को
तुझे भी अपने पे ये ऐतबार हैं के नहीं
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
आंखो मे नमी हंसी लबो पर
आंखो मे नमी हंसी लबो पर क्या हाल है...
क्या दिखा रहे हो ,
क्या हाल है...क्या दिखा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
बन जायेगे जहेर पीते -पीते
बन जायेगे जहेर पीते पीते ,
ये अश्क जो पीते जा रहे हो..
ये अश्क जो पीते जा रहे हो
जिन जख्मो को वक़्त भर चला है
जिन जख्मो को वक़्त भर चला है..
तुम क्यूँ उन्हे छेडॆ जा रहे हो
तुम क्यूँ उन्हे छेडॆ जा रहे हो
क्या गम है जिंसको छुपा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
रेखाओ का खेल है मुक़द्दर
रेखाओ का खेल है मुक़द्दर ...
रेखाओ से मात खा रहे हो
रेखाओ से मात खा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो हो
तुम इतना जो मुस्करा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे हो
"Unniswi sadi ka Lucknow Hindustan ki ganga jamni tehzeeb ka gehwara tha. Lucknow
uss tehzeeb ka dil tha. Aur uss dil ki dhadkan thi Umrao Jaan Adaa.
Magar sitam yeh hai ke uss dhadkan ke seene mein bhi ek dhadakta huwa
dil tha, jiski aawaaz uss ke jeete-ji kisi ne nahi suni. Umrao Jaan ki
har ghazal unhi dhadkano ki sadaa hai, ussi dil ki pukaar hai.
19th century Lucknow was the heart of India's beauty and
culture. The hearbeat of which was Umrao Jaan Adaa. But the tragedy is
that this heartbeat had a beating
heart of her own, that nobody listened to while she lived. Umrao Jaan’s
every song was the sound of her heartbeat, the longing cry of her
lonely heart."
Many
people may like to believe that Umraojaan existed for real, but to this
date there is a controversy on whether such a courtesan existed in the
19th century, as depicted in Umra-O-Jaan-E-Ada, a novel written in 1904 by Mirza Mohammed Hadi Ruswa.
In life, Umrao Jaan had the whole of Awadh, an Indian province, at her
feet. In death, she rests alone. In life, she craved for the love of her
life, Nawab Sultan; in death, she seeks peace. In life, Umrao Jaan had the whole of Awadh,
an Indian province, at her feet. In death, she rests alone. In life, she
craved for the love of her life, Nawab Sultan; in death, she seeks
peace.
A courtesan and a poetess in the 19th century Lucknow, in northern
Indian state of Uttar Pradesh, Umrao Jaan 'Ada' has spawned a novel,
which in turn set off two Bollywood filmmakers to showcase her life on
the silver screen.
But, in old Lucknow, where she was buried, Umrao Jaan has few visitors. Her grave has no epitaph, no flowers.
In 19th century, when her mehfils were a rage in Lucknow. People said
if Lucknow is heart of Awadh, she is its heartbeat. But, now even her
tombstone has fallen prey to encroachment. Only a part of it is visible.
The rest has been covered by a cemented road that leads to the
Imam-e-Ali Rauza, the replica of the tomb of Ali, the eighth Imam of the
Shiites.
Says writer Javed Siddiqui, who wrote Muzaffar Ali's 1981 Umrao Jaan, "There
have always been two opinions. I believe she never existed in this
world. If she existed where is her grave? No one knows till this date.
The book of Ruswa became so famous and an Urdu literature classic that
everyone thought that Umrao Jaan is a real character, but it is not
true." Born in 1857, Ruswa was a teacher, poet and an author and wrote only five novels in his lifetime. This
novel is the story of Ameeran, a girl from a lower middle class
family. She is kidnapped as a child and ends up a nautch
girl, rechristened as Umrao Jaan. The only work of his that enjoyed acclaim after this was the novel Sharif Zada. Ruswa eventually moved out of Lucknow and settled down in Hyderabad before he passed away in 1931. Amaresh Misra, author Lucknow: Fire of Grace believes Umrao Jaan really existed. "Ruswa met Umrao in 1882 when she was reduced to
penury," says Misra. "She was living as a destitute and she told her
life story to him." In his opinion, Umrao Jaan left Lucknow for Bhairach
district in 1858 after Lucknow fell to Britishers, and moved back only
much later in life, at an old age. Amaresh is convinced Umrao was real because he feels there is historic evidence backing him. "The character of dacoit Fazal Ali existed and he was
killed in 1856. He was from Gonda and people of Gonda fought against
Britishers in 1857 during the revolt because they killed their leader.
This fact is recorded in history." In the book, Fazal Ali meets Umrao and falls in love with her after Nawab Sultan refuses to marry her. Fazal Ali's character (called Faiz Ali in the movies) was played by Raj Babbar in 1981, and will be played by Suniel Shetty in the new film. "Secondly," says Amaresh, "there's the character of
Azizunbai, the famous courtesan. When the Britishers deposed Azizunbai
for plotting against them in 1857, she said she was a disciple of Umrao
Jaan, and this fact too is recorded in history." The British executed Azizunbai, and till this day her grave exists in Kanpur. Interestingly, the new Umrao Jaan will be Bollywood's fourth attempt at telling Ruswa's story. The
first film came in 1958, called Mehndi, after which Zindagi Aur Toofan
followed in 1975. Then came the 1981 classic by Muzaffar Ali. The latest director J P Dutta says, "There is still a
lot of speculation and awe about Umrao Jaan in Lucknow; whether she was
really there, if she is a real character or Ruswa's imagination. Some
people also say that she was Ruswa's mother." Concludes Iftakhar Imam
Siddiqui, noted Urdu poet, "I believe Umrao Jaan was not a real
character and Ruswa wrote that character reflecting its time. His
character Umrao Jaan became more famous than him."
Waada karke nibhaane waale
Those who will fulfil a promise
Kum hote hai
Are very few
Ishq na karna
'Haasil-e-sahre jahan kuch nahin, hairaani hai'
Do not fall in love
Ishq mein gham hee gham hote hain
In love there is nothing but sorrow
Main na milakoon jo tumse
If I am not able to meet you
Meri justajoo na karna
Do not remember me
Main na milakoon jo tumse
Meri justajoo na karna
Tumhe meri hi kasam hain
For my sake
Tumhe meri hi kasam hain
Meri aarzoo na karna
Do not long for me
Main na milakoon jo tumse
Meri justajoo na karna
Tumhe meri hi kasam hain
Tumhe meri hi kasam hain
Meri aarzoo na karna
Main na milakoon jo tumse
Meri justajoo na karna
Mujhe jis se hai mohabbat
The one who I love
Use hai ajab hai yeh aadat
Has a strange habbit
Mujhe jis se hai mohabbat
Use hai ajab hai yeh aadat
Kabhi moo ko pher lena kabhi guftagoo na karna
Sometimes he turns his face, and sometimes stops talking to me
Tumhe meri hi kasam hain
Meri aarzoo na karna
Main na milakoon jo tumse
Meri justajoo na karna
Maine chaaha tha kisiko
I loved somebody
Mera haal kya hai dekho
And look what happened to me
Jo kiya kasoor maine wohi tum kabhi na karna
The fault I made, never make it youself
Tumhe meri hi kasam hain
Meri aarzoo na karna
Main na milakoon jo tumse
Meri justajoo na karna
Meri ho agar buraaee
If I am disrespected somewhere
To na dena tum safaee
Do not stand up for me
Meri ho agar buraaee
To na dena tum safaee
Mera saath khud ko ruswa kabhi koobakoo na karna
Never make your name drop for the sake of mine
Tumhe meri hi kasam hain
Meri aarzoo na karna
Main na milakoon jo tumse
Meri justajoo na karna
Koi pooche badnaseebi
If someone asks, does bad luck
Ki hai intehaa bhi koi
Have a limit
Koi pooche badnaseebi
Ki hai intehaa bhi koi
To meri misaal dena to mujhe namoona karna
Then tell them my name, make an example of me
Tumhe meri hi kasam hain
Meri aarzoo na karna
Main na milakoon jo tumse
Meri justajoo na karna
Ik toote huwe dil ki aawaaz mujhe kahiye
Tell me the sound of a broken heart
Sur jis mein hain sab gham ke
The melody where all grief is
Woh saaz mujhe kahiye
Tell me of that instrument
Main kaun hoon aur kya hoon
Who am I and what am I
Kis ke liye zinda hoon
Who am I alive for
Main khud bhi nahi samjhi
What I couldn't understand myself
Woh raaz mujhe kahiye
.......Tell me that secret??????
Aarzoo thi humein ik naa
One wish is all I had
Zahe kismet miljaaye
And my life would be complete
Saari duniya mein kisi se to
In this whole world
Mohabbat mil jaaye
If only I had found some love/compassion
Jeeteji paaya na kuch humne zamaanewana
I have received nothing from the world all my life
Ab janaaze ko to rukhsat ki ijaazat mil jaaye
At least allow me to let my funeral procession pass
Pooch rahe hain
They are asking
Poochne waale
The people who are asking
Pooch rahe hain
Poochne waale
Lekin hum batlaaye kya
But what should I tell them
Lekin hum batlaaye kya
Daagh yeh dil ne paaye hain kaise
How my heart got these stains
Daagh yeh dil ne paaye hain kaise
Unko hum samjhaaye kya
How can I explain it to them
Unko hum samjhaaye kya
Pooch rahe hain
Poochne waale
Kitne daagh hai iss daaman mein
How many marks are there on my body
Kitne daagh hai maathe par
And on my head
Kitne daagh hai iss daaman mein
Kitne daagh hai maathe par
Jo humko apna sakte the
When those who could have kept me close didn�t
Sach hai humein apnaaye kya
Why should anyone else
Daagh yeh dil ne paaye hain kaise
Unko hum samjhaaye kya
Pooch rahe hain
Poochne waale
Jo apno ki gasti thi ab
She used to be among her own people
Nagari hai begaano ki
Now she is among strangers
Jo apno ki gasti thi ab
Nagari hai begaano ki
Kaun yahaan hai sun ne waala
Who here will listen though
Dil ki baat sunaaye kya
So what should I say about what my heart feels
Daagh yeh dil ne paaye hain kaise
Unko hum samjhaaye kya
Pooch rahe hain
Poochne waale
Patthar ab kya phaik rahe ho
You throw stones at me
Hum pehle se zakhmi hai
I am already injured
Patthar ab kya phaik rahe ho
Hum pehle se zakhmi hai
Dil par kitne zakhm lage hain
The amount of wounds on my heart
Chhoro tumhe ginwaaye kya
Forget it, how can I make you count them
Daagh yeh dil ne paaye hain kaise
Unko hum samjhaaye kya
Pooch rahe hain
Poochne waale
Kaun kisko yahaan bhalaa samjhaa
Who here understands anyone
Humne kya samjha tum ne kya samjha
What did I understand what did you understand
Bewafaa humne tumko samjha sanam
We thought you were unfaithful my love
Tumne humko hi bewafaa samjha
And you thought of us as unfaithful
Jhoote ilzaam meri jaan lagaaya na karo
Do not throw false accusations, my dear
Jhoote ilzaam meri jaan lagaaya na karo
Dil hai naazuk isse tum aise dukhaaya na karo
The heart is fragile, do not hurt it like this
Jhoote ilzaam meri jaan lagaaya na karo
Dil hai naazuk isse tum aise dukhaaya na karo
Jhoote ilzaam
False accusations
Meri aankhon mein jo acche nahi lagte aansoo
These tears do no look good in my eyes
Meri aankhon mein jo acche nahi lagte aansoo
To jalaaya na karo mujhko sataaya na karo
So do not burn me or tease me thus
To jalaaya na karo mujhko sataaya na karo
Dil hai naazuk isse tum aise dukhaaya na karo
Jhoote ilzaam
Tum kisi aur ki qismat mein ho tum mere nahee
You are meant for someone else, you are not mine
Tum kisi aur ki qismat mein ho tum mere nahee
Yeh agar sach bhi hai toh mujhko bataaya na karo
Even if this is true, do not tell me about it
Yeh agar sach bhi hai toh mujhko bataaya na karo
Dil hai naazuk isse tum aise dukhaaya na karo
Jhoote ilzaam
Ya to taabeer bataao mere sab khaabon ki
Either tell me the meaning of these dreams
Ya to taabeer bataao mere sab khaabon ki
Ya koi khaab in aankhon ko dikhaaya na karo
Or do not show my eyes any more dreams
Ya koi khaab in aankhon ko dikhaaya na karo
Dil hai naazuk isse tum aise dukhaaya na karo
Jhoote ilzaam
Abhi aaye ho abhi baithe abhi jaate ho
You just got here, sat and now you leave
Abhi aaye ho abhi baithe abhi jaate ho
Sirf ik rasm nibhaane ko to aaya na karo
Do not just come to fulfil one obligation
Sirf ik rasm nibhaane ko to aaya na karo
Dil hai naazuk isse tum aise dukhaaya na karo
Jhoote ilzaam meri jaan lagaaya na karo
Dil hai naazuk isse tum aise dukhaaya na karo
Jhoote ilzaam
Ab jo kiye ho data, aisa na keejo
What you did this time, Oh God, don't do it again...
Agle Janam mohe bitiya na keejo
Don't let me come as a daughter in my next birth
Hamre sajanwa hamra dil aisa toran,
My beloved broke my heart in such a way....
u ghar basaayin hamka rastaa ma choran
He married someone else, and left me standing on the road
jaise ke lalla koi khilauna jo paawe,
Just like how a baby finds a toy...
dui chaar din to khile, phir bhul jaawe
to play with for a few days, only to forget afterwards
Ro bhi na paawe issi gudiya na kijiyo
Do not make me like this doll, who can't even shed her tears...
Agle janam mohe bitiya na kijiyo
jo ab kiye ho data aisa na kijiyo
Aisi bidaai bolo dekhi kahin hai
Tell me, have you ever seen a bride sent off like this
maiya na babul bhaiya, kauno nahin ha
Mother, father, not even a brother, there is no one
aasoon ke gehne aur dukh ke hai doli
With only tears as her jewellery, and sadness as her palanquin
Bandh kiwaliya more ghar ki yeh bolie
Says the closed door of my house
Iss aur sapno mein bhi aayaa na keejo
please don't visit me now, not even in my dreams...
What you did this time oh God don't do it again
Jo ab kiye ho data aisa na keejo
Agle janam mohe bitiya na keejo
Don't let me come as a daughter in my next birth
Jo ab kiye ho data aisa na keejo
Jo ab kiye ho data aisa na keejo
Agle janam mohe bitiya na keejo
Jo ab kiye ho data aisa na keejo
Jo ab kiye ho data aisa na keejo
Kaisa naseeba jag mein
What fate is this
Har bitiya paaye
All daughters must face
Apna jinhe samjhat hai
Who you thought were your own
Tanu paraaye
Turn out to be strangers to you
Baabul ka angna chor kar
You must leave your father's home
Maiyya ka anchalraa
And mother's lap
Bholi chirayya paaye
And all the bird gets
Bas ek pinjra
Is a cage
Phir bhi yeh sab samjhaawe tarpaa na keejo
Even so she explains to everyone not to fear
Agle janam mohe bitiya na keejo
Agle janam mohe bitiya na keejo
Jo ab kiye ho data aisa na keejo
Tumhi ho... Tumhi ho...
Tere liye hi jiya main
Khud ko jo yun de diya hai
Teri wafa ne mujhko sambhala
Saare ghamon ko dil se nikala
Tere saath mera hai naseeb juda
Tujhe paake adhoora naa raha hmm..
मुझको इरादे दे
कसमें दे, वादे दे
मेरी दुआओं के इशारों को सहारे दे
दिल को ठिकाने दे
नए बहाने दे
ख़्वाबों की बारिशों को
मौसम के पैमाने दे
अपने करम की कर अदाएं
कर दे इधर भी तू निगाहें
सुन रहा है ना तू
रो रही हूँ मैं
सुन रहा है ना तू
क्यों रो रही हूँ मैं
सुन रहा है ना तू
रो रही हूँ मैं
सुन रहा है ना तू
क्यों रो रही हूँ मैं
यारा...
वक़्त भी ठहरा है
कैसे क्यूँ ये हुआ
काश तू ऐसे आये
जैसे कोई दुआ
तू रूह की राहत है
तू मेरी इबादत है
आ..
अपने करम की कर अदाएं
कर दे इधर भी तू निगाहें
सुन रहा है ना तू
रो रही हूँ मैं
सुन रहा है ना तू
क्यों रो रही हूँ मैं
सुन रहा है ना तू
रो रही हूँ मैं
सुन रहा है ना तू
क्यों रो रही हूँ मैं
Hum tere bin ab reh nahi sakte Tere bina kya wajood mera
Tujhse juda gar ho jaayenge Toh khud se hi ho jaayenge judaa
Kyunki tum hi ho Ab tum hi ho Zindagi ab tum hi ho Chain bhi, mera dard bhi Meri aashiqui ab tum hi ho
Aashiqui 2 is a musical love story with Rahul Jaykar (Aditya Roy Kapoor) and Arohi Shirke (Shraddha Kapoor) as the lead characters. Aashiqui 2
takes you through a musical journey of two lovers who go through love
and hate, twists and turbulence, success and failure in their lives.