मख़्दूम की नज्म ~
✿ इंतजार✿
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रातभर दीद-ए-नमनाक में लहराते रहे
साँस की तरह से आप आते रहे जाते रहे ।
ख़ुश थे हम अपनी तमन्नाओं का ख़्वाब आएगा
अपना अरमान बर अफ़गंदा नक़ाब आएगा ।
नज़रें नीची किए शरमाए हुए आएगा
काकुले चेहरे पे बिखराए हुए आएगा ।
आ गई थी दिले मुज़तर में शकेबाई -सी
बज रही थी मेरे ग़मख़ाने में शहनाई-सी ।
पत्तियाँ खड़कीं तो समझा के लो आप आ ही गए
सजदे मसरूर के मसजूद को हम पा ही गए ।
शब के जागे हुए तारों को भी नींद आने लगी
आपके आने की एक आस थी अब जाने लगी ।
सुबह के सेज से उठते हुए ली अँगड़ाई
ओ सबा तू भी जो आई तो अकेली आई ।
मेरे महबूब मेरी नींद उड़ाने वाले
मेरे मसजूद मेरी रूह पे छाने वाले ।
आ भी जा ताके मेरे सजदों का अरमाँ निकले
आ भी जा, ताके तेरे क़दमों पे मेरी जाँ निकले ।
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नीदा फाज़ली का गीत-(फिल्म तमन्ना)
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रात भर दीदाए नमनाक में लहराते रहे
सांस की तरह से आप आते रहे जाते रहे
शब के जागे हुए तारों को भी नींद आने लगी
आपके आने की इक आस थी अब जाने लगी
हम तो समझे थे तमन्नाओं का ख्वाब आएगा
नज़रें नीची किए शरमाए हुए आएगा
काकुलें चेहरे पे बिखराए हुए आएगा
पत्तियां खड़की तो हम समझे कि आप आ ही गए
https://youtu.be/yITCIKR8s48
सजदे मसजूद के माअबूद को हम पा ही गए
सुबह ने सेज से उठते हुए ली अंगड़ाई
अय सबा तू भी जो आई तो अकेली आई
मेरे महबूब मेरे होश उड़ाने वाले
मेरे मसजूद मेरे रूह पे छाने वाले
आ भी जा ताकि मेरे सजदों का अरमां निकले
आ भी जा ताकि तेरे कदमों पे मेरी जां निकले।